कहानी Kahani

बुधवार, 9 नवंबर 2022

बंद रास्ते

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  नरेश तैयार होकर बाहर कमरे में आया अर्दली उसका बैग उठाकर तैयार खड़ा था। उसने नंदा पर एक नजर डाली उसे बाय कहा नंदा ने भी उदास सी मुस्कान के ...
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मंगलवार, 1 नवंबर 2022

और बाँध फूट गया

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  देवेंद्र भाई को हार्ट अटैक आया है  यह खबर मोहल्ले में आग की तरह फैल गई। पड़ोस के शर्मा अंकल और सुभाष भाई तुरंत गाड़ी में डालकर हॉस्पिटल ले...
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मंगलवार, 18 अक्टूबर 2022

भोलू जी उठा

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  भोलू मेरा तौलिया कहाँ है? भोलू मेरी बाइक साफ कर दी? भोलू मेरे जूते पालिश कर दे। कॉलोनी के उस घर से रोज सुबह से ऐसी ही आवाजें आतीं जो दोपहर...
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मंगलवार, 11 अक्टूबर 2022

जो तुम न होतीं

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  अंदेशा तो पहले ही था और आज वह बुरी खबर आ ही गई कुसुम नहीं रही। 15 दिन मौत से जूझने के बाद उसने हार मान ली ।महेश बाबू पत्नी के साथ तुरंत रव...
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गुरुवार, 6 अक्टूबर 2022

मुक्ति

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  एंबुलेंस रुकते ही कमर में जोर का झटका लगा दर्द की एक तीखी लहर रीढ़ में दौड़ गई जिसे अधबेहोशी में भी रीना ने महसूस किया। दरवाजा खुला रोशनी ...
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रविवार, 2 अक्टूबर 2022

सारा जग अपना

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  सुबह के 8:00 बज रहे थे ज्ञानम्मा अभी तक उठी नहीं थी। नींद तो बरसों के अभ्यास से सुबह 6:00 बजे ही खुल गई थी लेकिन आज शरीर के साथ मन की हिम्...
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सोमवार, 26 सितंबर 2022

दरख्त

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  स्टेशन पर बेचैनी से चहल कदमी करते विनय ने 2 मिनट में न जाने कितनी बार घड़ी देख ली। वह बेंगलुरु जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहा था। इस इंत...
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kavita verma
जन्म और कर्मस्थली इंदौर ,बहुत सालों तक अध्यापन के बाद अब लेखन को समर्पित ,कई प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख ,लघुकथाएं , कहानियाँ और कविताओं का प्रकाशन . पढ़ने की अभिरुचि ब्लॉगजगत तक खींच लाई,इसके विराट स्वरुप ने लेखन की चाह को विस्तार दिया,और जिस उन्मुक्त ह्रदय से इसने मुझे अपनाया, सराहा, मैं अभिभूत हुई। नाम है कविता वर्मा,मन की बाते, विचार, उलझने जो किसी से न कह पाई वही शब्दों के रूप में निकल कर कहानियों में समां गयी ....ब्लॉग ने कुछ न कह पाने की पीड़ा को बखूबी सहलाया ,और मन की कही अनकही बाते यहाँ उंडेल कर मैं भारहीन हो कर उन्मुक्त आकाश में उड़ चली... कहानी संग्रह 'परछाइयों के उजाले ' को अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान से 'सरोजिनी कुलश्रेष्ठ कहानी संग्रह पुरस्कार ' से प्रथम पुरस्कार। कहानी संग्रह 'कछु अकथ कहानी' को मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन भोपाल से 2020 का वागीश्वरी पुरस्कार उपन्यास छूटी गलियाँ उपन्यास अब तो बेलि फैल गई।
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